महाकाली साधना करने से सभी शत्रुओं का नाश

महाकाली साधना करने से सभी शत्रुओं का नाश
Published On: May 16, 2023

महाकाली साधना

तंत्रशास्त्र में कई साधनाओं के बारे में बताया गया है और ये दावा किया जाता है कि इन साधनाओं को करने से अनेक प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। लोगों का ये भी दावा है कि भगवान शिव और माँ काली की तंत्र साधना करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है चारों तरफ सफलता मिलती है और सारे शत्रुओं का नाश हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि तंत्र-मंत्र के मानने वाले चाहे वो अघोरी हो या काली विद्या के तांत्रिक वो अलग-अलग रुप में महादेव और दक्षिण काली या महाकाली की ही उपासना करके सिद्धियों को प्राप्त करते हैं।

लेकिन माँ काली की साधना में भी एक विशेष प्रकार की साधना होती है जिसे महाकाली साधना कहा जाता है। माना जाता है कि इस साधना को कर लेने से संसार की सारी सिद्धियाँ अपने आप मिल जाती हैं। लेकिन उस विशेष महाकाली साधना को जानने से पहले हम आपको बताते हैं कि कौन हैं मां काली और शास्त्रों में उनके बारे में क्या कहा गया है क्या है महाकाली साधना विधि –

कौन हैं माँ काली

कालरात्रि या संहार की देवी माँ काली को दस महाविद्या में से एक माना जाता है। तंत्र शास्त्र में 10 महाविद्याओं को सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली माना जाता है। तंत्रशास्त्र के अनुसार या तांत्रिको के मत के अनुसार एक मात्र माँ काली की साधना से ही जीवन की सारी इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है, कई तंत्र ग्रंथों और योगियों ने महाकाली साधना को ही जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना के रुप में स्वीकार किया है।

इस कलयुग में माँ काली कल्पवृक्ष के समान जल्दी फल देने वाली और साधक की कामनाओं की पूर्ति में सहायक मानी जाती हैं। तंत्रशास्त्र का कहना है कि जब किसी साधक के जीवन में पुण्य जाग्रत होते हैं, तभी वो ऐसी समर्थ शत्रुहंता, महिषासुर मर्दिनी महाकाली की साधना करता है। इस सिद्धी को प्राप्त करने के बाद साधक के जीवन में किसी भी चीज का अभाव नही रहता है। वह भोग तथा मोक्ष दोनों को एक साथ प्राप्त कर लेता है।

महाकाली साधना शीघ्र फलदायक होने के कारण सदियों से असंख्य साधक इस साधना को सम्पन्न करते आए हैं और उच्चकोटि के साधकों के मन में भी यह तीव्र लालसा रहती है कि अवसर मिलने पर किसी भी प्रकार से महाकाली साधना से मां काली को प्रसन्न किया जाए।

महाकाली साधना के लाभ

महाकाली साधना को सिद्ध करने वाले साधक को जो सबसे पहली सिद्धि मिलती है उसे वाक् सिद्धि कहते हैं। इस सिद्धि में साधक जो भी बोलता है वो सच हो जाता है । इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद साधक किसी के भी भूत भविष्य और वर्तमान को बता सकता है। चाहे तो वो किसी का अच्छा या बुरा भी कर सकता है।

महाकाली की साधना के बाद व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति भी मिल जाती है वो पूर्ण रुप से स्वास्थ हो जाता है। मां काली सिर्फ इस जन्म में ही नही बल्कि इस संसार के जीवन मरण के चक्र से भी भक्त को मुक्ति प्रदान कर देती हैं। इसके साथ ही काली साधना से साधक मृत्यु को जीतकर पूर्ण निर्भय हो जाता है। महाकाली साधना के लाभ अनेक हैं।

मां काली शत्रु का विनाश करने के लिये भी शक्ति प्रदान कर देती हैं

“काली पुत्रे फलप्रदः” के अनुसार काली साधना से मनचाहे संतान की प्राप्ति भी होती है।

कैसे करें महाकाली साधना

महाकाली साधना को नवरात्रि के पहले दिन या किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन से प्रांरभ कर सकते है। लेकिन नवरात्रि में इस साधना को करने का विशेष महत्व है। इसको नवरात्रि के प्रथम दिन से करें और अष्टमी के दिन इसका समापन कर देना चाहिये।

इस साधना में महाकाली मां के मंत्रो का एक लाख बार उच्चारण करना होता है, यह साधना दिन या रात दोनों समय में की जा सकती है। पर इस बात का ध्यान रहे कि ये साधना किसी गुरु की अनुमति से ही किया जाए वरना इसके दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं।

साधक को साधना के समय लाल वस्त्र धारण करना चाहिए। साधक अपना आसन पूर्व दिशा की ओर स्थापित करे। एक शुद्ध घी का दीपक जलाकर,सभी देवी देवताओं से साधना को सफल बनाने की प्रार्थना जरुर करनी चाहिये। भैरव की पूजा करना तो बिलकुल न भूलें क्योंकि इनके बिना इस साधना की सिद्धि अंसभव है। ये सब करने के बाद इस मंत्र के द्वारा माता का एक लाख बार जाप करना पड़ता है।

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हुं हुं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हुं हुं स्वाहा ॥

इस मंत्र के जाप करने के बाद साधक को नीचे दिए गए श्लोक के माध्यम से हाथ में जल लेकर किये गये मंत्रो के जाप को माता को समर्पित कर देना चाहिये।

ॐ गुह्यातिगुह्य गोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपं।
सिद्धिर्भवतु मे देवि! त्वत्प्रसादान्महेश्वरि।।

महाकाली साधना में आपको कुल एक लाख मन्त्र जाप करना है। नवरात्रि काल में यह जाप आठ दिनों में सम्पन्न हो जाना चाहिए। अन्य दिनों में यह साधना 21 दिनों में भी सम्पन्न की जा सकती है।

महाकाली साधना कलियुग में कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायी साधना है। यह साधना सरल होने के साथ ही साथ प्रभाव युक्त है, इससे भी बड़ी बात यह है कि इस प्रकार की साधना करने से साधक को किसी प्रकार की हानि नहीं होती अपितु उसे लाभ ही होता है।

वस्तुतः काली साधना को संसार के श्रेष्ठ साधकों और विद्वानों ने अद्भुत एवं शीघ्र सिद्धि देने वाली साधना कहा है। इस साधना से साधक अपने जीवन के सारे अभाव को दूर कर अपने भाग्य को बनाता हुआ पूर्ण सफलता प्राप्त करता है।

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