Menu

  • Home
  • Trending
  • Recommended
  • Latest

Categories

  • Dharm Gyan
  • Hindu Mythology
  • Myth & Truth
  • Sanatan Glory
  • Sanatan Lifestyle
  • Science & Spirituality
  • The Karma English
  • Video
The Karmapath
  • English
No Result
View All Result
The Karmapath
No Result
View All Result
Home Hindu Mythology

शिव और पार्वती के बीच भयंकर झगड़ा

The Karma by The Karma
March 2, 2025
0 0
0
Fierce fight between Shiva and Parvati

मत्स्य पुराण की एक कथा के अनुसार माँ पार्वती का रंग बचपन में काला था। तथा उनके काले रंग की वजह से हुआ शिव पार्वती का झगड़ा दरअसल उनके काले रंग होने के पीछे ब्रह्मा जी की एक लीला थी जिसकी वजह से माँ काली बचपन में काले रंग की पैदा हुई थी। जब महादेव और माँ पार्वती का विवाह हुआ था भगवान शिव ने माँ पार्वती का मजाक उड़ाया और एक दिन भोलेनाथ ने मजाक-मजाक में पार्वती जी के काले रंग का मजाक उड़ा दिया था जिसकी वजह से माँ पार्वती ने भगवान शिव को त्याग दिया तथा कैलाश छोड़कर चली गईं और फिर तपस्या कर उन्होंने अपने काले रंग को गोरे रंग में बदल दिया और संसार में गौरी के नाम से प्रसिद्ध हुईँ।

मत्स्य पुराण की कथा के अनुसार जब तारकासुर ने ब्रह्मा जी से ये वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसकी मृत्यु भगवान शिव के ऐसे पुत्र से हो जो उसे सात दिन की उम्र में ही मार सके। तो उस वक्त भगवान शिव बिना पत्नी के वैरागी जीवन जी रहे थे। भगवान शिव की पहली पत्नी देवी सती ने कुछ वर्षों पहले ही अपने पिता के यज्ञ में आत्मदाह कर लिया था। ब्रह्मा जी से वरदान पाकर तारकासुर ने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया। तब ब्रह्मा जी ने देवताओ की प्रार्थना पर उन्हें बताया कि जल्द ही देवी सती फिर से जन्म लेंगी और पार्वती के रुप में उनका विवाह भगवान शिव से होगा। इसके बाद शिव और पार्वती को एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो अपने जन्म से सातवें दिन ही तारकासुर का वध कर देगा।

ब्रह्मा जी की प्रेरणा से देवी सती अब पार्वती देवी के रुप में हिमालय और मैना की पुत्री के रुप में जन्म लेने ही वाली थीं कि ब्रह्मा जी ने रात्रि देवी को बुलाकर एक लीला रच दी। उन्होंने कालरात्रि देवी को आदेश दिया कि वो गर्भवती मैना के गर्भ में अंधकार रुप में प्रवेश कर जाएँ और जब उनकी संतान का जन्म हो तो वो उसे अपने प्रभाव से जब चाहें काले रंग की कर दें। देवी कालरात्रि ने ऐसा ही किया। वो देवी मैना के गर्भ में प्रवेश कर गईं और जब पार्वती का जन्म हुआ तो उनके शरीर के अंदर काले रंग के रुप में रहने लगीं। और पार्वती के शरीर से निकली कालरात्रि देवी वैसे पार्वती देवी जन्म से गोरी थीं लेकिन देवी कालरात्रि जब चाहती उन्हें काले रंग की बना देती थीं।

पार्वती देवी ने तपस्या कर शंकर को प्रसन्न कर लिया औऱ जल्द ही माँ पार्वती और भोलेशंकर का विवाह भी धूम धाम से हो गया। लेकिन एक दिन त्रिकालदर्शी भगवान शिव ने माँ पार्वती का मजाक उड़ाते हुए उन्हें काली कह दिया और कहा कि तुम अपने इस काले रंग की वजह से मेरे कर्पूर जैसे गोरे शरीर के पास आने लायक नहीं हो। दोस्तों आप तो जानते ही हैं कि भगवान शिव कर्पूर गौरं यानी कर्पूर की तरह गोरे रंग के हैं। माँ पार्वती अपना ये अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाईं और तुरंत कैलाश छोडकर चली गईँ। माँ पार्वती ने एक पर्वत पर जा कर घोर तप्स्या शुरु कर दी ताकि उनके शरीर का रंग भी शंकर जी की तरह गोरा हो जाए। अब ब्रह्मा जी तो सृष्टि की रचयिता हैं। वो कोई भी काम करते हैं तो उसके पीछे आने वाले भविष्य की कोई घटना छिपी होती है।

जब पार्वती जी तपस्या कर रही थीं तो ब्रह्मा जी प्रगट हो गए और उनसे इस तपस्या की वजह पूछी। देवी पार्वती ने बताया कि भगवान शंकर ने उनका अपमान सिर्फ इस वजह से किया है क्योंकि उनके शरीर का रंग उन्हें काला दिखा। दोस्तो हमने आपको पहले ही बताया है कि पार्वती भगवान शंकर को काले रंग की इसलिए दिख रही थीं क्योंकि ब्रह्मा जी ने लीला कर पार्वती देवी के शरीर के अंदर कालरात्रि देवी का प्रवेश करा दिया था। अब ब्रह्मा जी के कहने पर कालरात्रि ने माँ पार्वती का शरीर छोड़ दिया। जैसे ही कालरात्रि देवी ने माँ पार्वती का शरीर छोडा तो पार्वती देवी गोरे रंग की हो गईँ और संसार में गौरी के नाम से विख्यात हो गईँ।

इसी दौरान इतने दिनों तक अपने अपमान की ज्वाला क्रोध से जल रही पार्वती देवी के मुख से एक विकराल शेर निकला और वो बाहर आ कर खड़ा हो गया। देवी पार्वती के शरीर से निकली कालरात्रि देवी को ब्रह्मा जी ने कौशिकी देवी का नाम दिया और उनसे कहा कि आप विंध्याचल में निवास करें और भविष्य में शुम्भ और निशुम्भ दैत्यों का वध करें। देवी कालरात्रि अब संसार में कौशिकी या चंडिका देवी के नाम से जानी जाने लगी। देवी कालरात्रि को ब्रह्मा जी ने वो शेर भी वाहन के रुप में दे दिया जो देवी पार्वती के क्रोधित मुख से निकला था।

ब्रह्मा जी की लीला के पीछे यही बड़ी वजह थी कि वो भविष्य में पैदा होने वाले शुम्भ और निशुम्भ दैत्यो का वध कराने वाले थे इसलिए उन्होंने इतने वर्षों तक देवी पार्वती के अंदर देवी कालरात्रि को छिपा कर रखा था ताकि समय आने पर उन्हें कौशिकी या चंडिका देवी के रुप में संसार में प्रगट किया जा सके दूसरी तरफ देवी पार्वती का शरीर अब पूरी तरह से गोरे रंग का हो चुका था और अब वो संसार में गौरी माँ के रुप में विख्यात हो गईँ। देवी पार्वती भी अब कैलाश लौट गईँ जहाँ भोलेनाथ उनका इंतजार कर रहे थे। कुछ वक्त बाद भगवान शंकर और देवी पार्वती से कार्तिकेय का जन्म हुआ जिन्होंने अपने जन्म के सातवें दिन ही तारकासुर का वध कर दिया।

author avatar
The Karma
See Full Bio
Tags: शिव और पार्वती के बीच झगड़ा
ShareTweet

Recommended videos

श्रीराम ने वालि को छिप कर नहीं मारा था

श्रीराम ने वालि को छिप कर नहीं मारा था

12 VIEWS
December 20, 2024
हनुमान जी वानर थे या इंसान क्या है रामायण का सच?

हनुमान जी वानर थे या इंसान क्या है रामायण का सच?

88 VIEWS
December 20, 2024
महाभारत में भी है श्रीराम की रामायण कथा

महाभारत में भी है श्रीराम की रामायण कथा

64 VIEWS
December 20, 2024
कोहे नूर हीरे की कहानी

कोहे नूर हीरे की कहानी

34 VIEWS
December 20, 2024
क्या चुनाव के बाद आ गया VOTE JIHAD का पहला नतीजा? क्या जिहाद के दबाव में चल रही हैं CONGRESS?

क्या चुनाव के बाद आ गया VOTE JIHAD का पहला नतीजा? क्या जिहाद के दबाव में चल रही हैं CONGRESS?

42 VIEWS
March 2, 2025
UNTOLD RAMAYANA | क्या वाल्मिकी जी से पहले भी किसी ने रामायण लिखी थी ?

UNTOLD RAMAYANA | क्या वाल्मिकी जी से पहले भी किसी ने रामायण लिखी थी ?

37 VIEWS
March 2, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Hindu Mythology
  • Home
  • Home 1
  • Home 2
  • Home 3
  • Latest
  • Myth & Truth
  • News Blog
  • Privacy Policy
  • Sanatan Ecosystem
  • Terms of Use
  • The Karma English
  • Trending
Call us: +1 234 JEG THEME

Copyright 2024

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • Home
  • Categories
    • Dharm Gyan
    • Hindu Mythology
    • Myth & Truth
    • Sanatan Ecosystem
    • Sanatan Glory
    • Sanatan Lifestyle
    • Science & Spirituality
    • The Karma English
  • Contact Us
  • About Us

Copyright 2024