चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव की खबरें आती रहती हैं। चीन और भारत के बीच 1962 में एक युद्ध भी हो चुका है । कहते हैं कि भारत और चीन के युद्ध में चीन के हाथों भारत की हार हुई थी और चीन ने हजारों वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्जा भी कर लिया था । लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और चीन के युद्ध के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया था जब इस युद्ध के खत्म होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी और भारत के एक महान संत की कृपा से अचानक चीन ने अपनी सेनाएं पीछे हटा ली थीं।
ये प्रसिद्ध है कि मध्य प्रदेश के दतिया जिले में माँ बगलामुखी देवी का सिद्ध पीतांबरी पीठ है । इस पीठ में माँ बगलामुखी देवी की सिद्ध प्रतिमा है । इस स्थान पर आते ही लोगों की सारी समस्याएँ दूर हो जाती है। कोर्ट कचहरी के मुकदमों और जीवन के तमाम कष्टों से माँ बगलामुखी तुरंत राहत दे देती हैं।
माँ बगलामुखी के इस पीतांबरी पीठ की स्थापना स्वयं श्री स्वामी जी महाराज जी ने 1935 में की थी । इसके पहले ये स्थान एक श्मशान था। धीरे धीरे स्वामी जी की सिद्धियों और माँ बगलामुखी के चमत्कारों की वजह से ये स्थान पूरे देश भर में प्रसिद्ध हो गया था और दूर दूर से लोग यहाँ अपनी मनोकामनाओं को पूरा कराने के लिए आने लगे थे। माँ बगलामुखी ने किया भारत चीन युद्ध का अंत।
भारत चीन युद्ध और दतिया महाराज दरअसल 1962 में जब चीन ने भारत पर हमला किया तो उस वक्त तेजी से चीन भारत की सीमाओं पर कब्जा कर रहा था। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी को कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था।
वैसे तो जवाहर लाल नेहरु जी को एक सेकुलर नेता माना जाता है । लेकिन जब देश पर संकट आया तो ऐसा माना जाता है कि वो खुद भी माँ बगलामुखी की शरण में चले गए थे। माँ बगलामुखी को शत्रुनाशक देवी माना जाता है । माँ बगलामुखी की अराधना से बड़ा से बड़ा शत्रु भी पराजित हो जाता है ।
ऐसा कहा जाता है कि जवाहर लाल नेहरु ने पीतांबरा पीठ के श्रीस्वामी जी महाराज से प्रार्थना की कि वो माँ बगलामुखी से चीन के युद्ध को रुकवाने की प्रार्थऩा करें।
स्वामी जी तो स्वयं भी महान संत होने के साथ साथ बड़े देशभक्त भी थे। सो उन्होंने तुरंत अखँड राष्ट्र रक्षा यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ में माँ बगलामुखी से चीन के युद्ध को रोकने की प्रार्थना की गई । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीतांबरा पीठ में यज्ञ कराते ही चीन ने रोक दिया था युद्ध और अचानक ही बिना किसी सूचना के चीनी सेना पीछे हटने लगी और भारत और चीन का ये युद्ध समाप्त हो गया।
माँ बगलामुखी की कृपा से न केवल भारत और चीन का युद्ध रुका बल्कि यहाँ और भी कई चमत्कारों की कथाऎ घटित होती रहती हैं। 1979 में श्रीस्वामी जी महाराज के समाधि लेने के बाद भी दतिया के पीतांबरी पीठ में माँ बगलामुखी औऱ महाराज जी की समाधि पर आने वाले लोगों की भीड़ कायम है और अक्सर यहाँ किसी न किसी चमत्कार की घटना होती ही रहती है