महाभारत की हीरो अर्जुन ने कैसे नींद को जीता ।क्या आपको पता है कि नींद को जीतने के कारण ही अर्जुन का नाम गुडाकेश पड़ा। क्या आप को पता है कि अर्जुन से पहले श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने भी नींद को जीत लिया था। क्या आज के जमाने में भी ऐसे लोग हैं जिन्होंने नींद पर विजय प्राप्त कर ली है। और जिन्हें नींद नहीं सताती। आखिर क्या है नींद पर विजय पाने का रहस्य, ये कैसे पॉसिबल है। इसका तरीका क्या है।
महाभारत के आदिपर्व के अध्याय 123 में जिक्र मिलता है कि एक बार अर्जुन रात में भोजन कर रहे थे तभी अचानक तेज हवा चली जिससे कमरे में रखा दीपक बुझ गया। अर्जुन उस अंधेरे में भी अपने हाथ से भोजन करते रहे। अभ्यास की वजह से उनका हाथ थाली से भोजन उठाता और मुंह में डाल देता। अचानक अर्जुन के दिमाग में आया अभ्यास की वजह से अंधेरे में भी मैं भोजन कर सकता हूं। तो मैं रात के अंधेरे में भी धनुर्विद्या का अभ्यास कर सकता हूं। रात में भी अभ्यास करने के लिए उन्होंने नींद पर विजय भी प्राप्त कर ली। अर्जुन ने महाभारत का युद्ध लड़ने के लिए योग निद्रा जैसी आध्यात्मिक नींद का ही सहारा लिया था। अर्जुन ने कृष्ण से मित्रता के चलते निद्रा और अज्ञान दोनों पर विजय प्राप्त कर ली थी। अर्जुन श्री कृष्ण की भक्ति में इतने लीन हो गए थे। एक क्षण के लिए भी उन्हें भूलते नहीं थे। इसीलिए एक क्षण भी वो सोते नहीं थे और योग निद्रा का उपयोग करते थे। नींद पर विजय पाने के कारण ही अर्जुन को गुडाकेश कहा गया। गुडाक का अर्थ नींद होता है जबकि ईश का अर्थ स्वामी होता है। इस तरह गुडाकेश का अर्थ हुआ नींद का स्वामी। यानि जिसने नींद को अपने वश में कर लिया हो।
दोस्तों पुराणों में उल्लेख मिलता है कि भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण 14 साल तक नहीं सोए थे। जब लक्ष्मण प्रभु श्री राम और सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए गए तो उन्होंने भइया और भाभी की सेवा करने के लिए अपनी निद्रा का त्याग कर दिया था।
दोस्तों ये तो बात हुई रामायण और महाभारत काल की। आज के आधुनिक युग में भी कई ऐसे लोग हैं जिन्हें नींद ज्यादा सताती नहीं है। इनमें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का नाम काफी चर्चा में रहता है। कहा जाता है कि सुंदर पिचाई 20 से 30 मिनट की नींद लेकर 8 घंटे की नींद पूरी कर लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी कहा जाता है कि वो 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे सोते हैं। आपको बता दें कि योग गुरू स्वामी रामदेव भी 3 से 4 घंटे ही रोज सोते हैं।
योग निद्रा
सवाल उठता है कि क्या है वो रहस्य जिससे नींद को जीता जा सकता है। तो इसका जवाब है योग निद्रा। योगनिद्रा का अभ्यास तथा इसका दूसरा नाम आध्यात्मिक नींद है। इसमें व्यक्ति जागते हुए सोने का आराम पा जाता है। वास्तव में ये ना तो पूरी तरह सोना है ना पूरी तरह जागना। बल्कि इन दोनों की बीच की स्थिति है। इसमें व्यक्ति अपने शरीर और मन-मस्तिष्क को आराम पहुंचाते हुए नई ऊर्जा को पा जाता है।
नॉल-स्लीप डीप रेस्ट (NSDR)
इन दिनों यूरोप और वेस्टर्न देशों में एनएसडीआर का काफी प्रचलन है। इसे योग निद्रा का ही एक अंग्रेजी नाम कह सकते हैं। इस शब्द का सबसे पहले प्रयोग स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन ने किया था। NSDR में हमें अपनी आंखें बंद कर 20-30 मिनट लेटना होता है और वापस उठने के बाद हम इतना रिलैक्स महसूस करते हैं जैसे कि 7-8 घंटे की गहरी नींद से उठे हों। गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने वॉल स्ट्रीट को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि तनाव को कम करने के लिए वे नॉन-स्लीप डीप रेस्ट यानि NSDR का सहारा लेते हैं। इसकी जानकारी उन्हें एक पॉडकास्ट से मिली थी।
योग निद्रा का तरीका
अब आपको बताते हैं योगनिद्रा का तरीका। योगनिद्रा हमेशा खुली जगह पर लेनी चाहिए। अगर किसी बंद कमरे में योगनिद्रा लेते हैं तो उसके दरवाजे, खिड़की खुले होने चाहिए। जमीन पर दरी बिछाकर उस पर एक कंबल बिछा सकते हैं। कंबल पर लेटने के बाद शवासन करें। इसमें दोनों पैर लगभग एक फुट की दूरी पर हों, हथेली कमर से छह इंच दूरी पर हो। आँखे बंद रहें। शरीर को हिलाना नहीं है। यह एक मनोवैज्ञानिक नींद है,। विचारों से जूझना नहीं है। अपने शरीर और मन-मस्तिष्क को शिथिल करते जाइये। इस दौरान पूरी साँस लीजिए और छोड़िए। योगनिद्रा 10 से 45 मिनट तक की जा सकती है। योग निद्रा को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करना बेहतर होता है। हर विशेषज्ञ कुछ हेरफेर के साथ इसे अलग-अलग तरीके से कराता है।
योग निद्रा के फायदे
योगनिद्रा से नींद की कमी तो पूरी होती ही है। योगनिद्रा के फायदे कुछ इस तरह हैं इससे ब्लड प्रेशर डायबटीज, हार्ट डीजीज, सिरदर्द, तनाव, पेट में घाव, दमे की बीमारी, गर्दन में दर्द, कमर में दर्द, घुटनों और जोड़ों के दर्द, साइटिका, अनिद्रा, डिप्रेशन और कई मानसिक बीमारियां दूर होती हैं। प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी योगनिद्रा काफी फायदेमंद बताई गई है। और योग निद्रा के साधक में अगर असावधानी होती है तो योग निद्रा के नुकसान भी शास्त्रों में बताए गए हैं। वाल्मीकिरामायण और महाभारत में योग निद्रा के चमत्कार के बारे में बताया गया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के एक कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स को योग निद्रा के बारे में बताया था। और छात्रों को इसे अपनाने की सलाह दी थी जिससे उनके पढ़ाई के घंटे बढ़ सकते हैं। जो लोग अक्सर एक देश से दूसरे देश एयर ट्रैवल करते हैं। उन्हें टाइम जोन बदलने से स्लीपिंग डिसऑर्डर हो जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी योग निद्रा का सहारा लेकर इस डिसऑर्डर से बचे रहते हैं। दोस्तों योग निद्रा हमारे काम के घंटों को बढ़ाकर हमारी प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकती है।