माता सीता और भगवान श्रीराम की आयु
सनातन धर्म में दो विवाह बहुत प्रचलित हैं एक तो महादेव शिव और माता पार्वती विवाह और दूसरा भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह, लेकिन श्रीरामसीता विवाह से एक सवाल निकल कर आता है कि माता सीता और भगवान श्रीराम की आयु उस समय क्या थी जब उनका विवाह हुआ था किस उम्र में भगवान का विवाह हुआ था।
आज संसार के सभी लोगों को यही पता है कि भगवान राम और माता सीता की शादी स्वयंवर में जब भगवान ने शिवधनुष को तोड़ा तब हुई, लोकिन ये कथा वाल्मीकिरामायण में नहीं आती है। वाल्मीकिरामायण में तो भगवान राम और माता सीता का विवाह होने के बाद महाराज जनक अपनी पुत्री के साथ दामाद को अपने मन्दिर में रखी भगवान शिव की धरोहर के दर्शन कराने ले जाते हैं और वहीं महादेव की धरोहर के रूप में रखे उनके पिनाक धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने से धनुर्भंग हो जाता है।
उपनयन संस्कार में श्रीराम की आयु
वाल्मीकिरामायण के इस प्रसंग को पढ़ने से पता चलता है कि जब भगवान राम वन में जा रहे थे तो अपनी माता कौशल्या से मिलने उनके महल जाते हैं, माता कौशल्या जब ये सुनती हैं कि श्रीराम का राज्याभिषेक रोक दिया गया है अब वे 14 वर्ष के लिए वन जा रहे हैं तो बड़े दुख से कहती हैं कि-
दश सप्त च वर्षाणी जातस्य तव राघव।
अतीतानि प्रकांक्षन्त्या मया दुखपरिक्षयम् ।।45
(वाल्मीकिरामायण,अयोध्याकाण्ड,सर्ग-20)
इस श्लोक के माध्यम से माता कौशल्या कहती हैं कि उपनयन संस्कार में श्रीराम की आयु सत्रह वर्ष हो गई थी। अर्थात् तुम सत्ताइस वर्ष के हो गए हो। अब तक मैं यही आशा लगाए हुई थी कि मेरा दुख दूर हो जाएगा ।
माता कौशल्या ने बताया कि भगवान राम जब वन को जा रहे थे तब उनकी उम्र सत्ताइस वर्ष थी। लेकिन इससे तो ये पता नहीं चलता कि उनके विवाह के समय उनकी क्या उम्र थी।
वन जाते समय माता सीता और श्रीराम की आयु
श्रीराम कथा में सीधे भगवान राम और माता सीता के विवाह के समय की उम्र को नहीं बताया गया है लेकिन कुछ तथ्यों से हम आपको बताएंगे कि माता सीता और भगवान राम के विवाह में इनकी उम्र क्या थी। रामचरितमानस में भी भगवान राम और माता सीता की उम्र के बारे में बताया गया है-
वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम ।
कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम।।
(रामचरितमानस,अयोध्याकाण्ड)
इस दोहे के माध्य से तुलसीदास जी कह रहे हैं कि वन जाते समय माता सीता और श्रीराम की आयु अठ्ठारह वर्ष और सत्ताइस वर्ष थी। माता सीता 18 वर्ष औऱ श्रीराम उस समय 27 वर्ष के थे
जब प्रभु श्रीराम और माता सीता वन के जा रहे थे उस प्रसंग को तुलसीदास जी ने दर्शाया है कि भगवान राम देवताओं के कार्य को पूरा करने के लिए अपने मानव जीवन को कठिनाई और तपस्या का मार्ग दिखाते हैं और उस मार्ग में जाते समय उनकी और माता सीता की आयु के बारे में बताया है।
माता सीता ने रावण को दिया अपना परिचय
अब हम रामायण के उस प्रसंग कि ओर चलते हैं जब दुराचारी रावण माता सीता का हरण करने के लिए श्रीराम की कुटिया में आता है । जब रावण माँ सीता से बातचीत शुरु करता है तब माता सीता ने रावण को दिया अपना परिचय और बताती हैं कि मैं राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम की पत्नी हूं और ऐसा बताते हुए अपने वन में आने की पूरी कथा सुनाती हैं, कि मेरे पति श्रीराम का राज्याभिषेक होने जा रहा था लेकिन अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए श्रीराम वन में आए हैं-
मम भर्ता महातेजा वयसा पञ्चविंशकः।
अष्टादश हि वर्षाणि मम जन्मनि गण्यते।।10
(वाल्मीकिरामायण,अर्ण्यकाण्ड,सर्ग-47)
इस श्लोक के माध्यम से सीता जी कहती हैं कि जिस समय मेरे तेजस्वी पति की अवस्था पच्चीस वर्ष से ऊपर की थी उस समय जन्म से वन गमन गणना के अनुसार मेरी उम्र अठ्ठारह वर्ष की थी।
रावण से बातचीत के क्रम में माता सीता रावण को बताती हैं कि विवाह के बाद मैं बारह वर्ष तक श्रीराम के साथ महल में रही।
उषित्वा द्वादश समा इक्ष्वाकूणां निवेशने ।
भुञ्जानां मानुषान् भोगान् सर्वकामसमृद्धिनी।।02
(वाल्मीकिरामायण,अर्ण्यकाण्ड,सर्ग-47)
माता सीता बताती हैं कि विवाह के बाद बारह वर्षों तक इक्ष्वाकु वंशी महाराज दशरथ के महल में रहकर अपने पति के साथ सुख सुविधाओं से संपन्न रही।
विवाह के समय श्रीरामसीता की आयु
हमने पहले ही कहा कि रामायण या रामचरितमानस में सीधी तरह से ये नहीं बताया गया है कि विवाह के समय श्रीरामसीता की आयु क्या थी लेकिन चलिए अब हम नए तरीके से रामायण और रामचरितमानस को आधार मानकर श्रीराम और माता सीता की आयु का पता लगाते हैं। ऊपर लिखे गए पहले श्लोक में माता कौशल्या श्रीराम के वन जाने के समय कहती हैं कि उनकी उम्र उस समय सत्ताइस वर्ष की थी और यही तुलसीदास ने भी कहा है फिर आगे माता सीता ने रावण से कहा कि जब हम लोग वन को जा रह थे तब मेरे पति की उम्र पच्चीस वर्ष से अधिक थी जैसा कि हमने पहले बताया कि सतताइस वर्ष थी और माता सीता कहती हैं कि उस समय मेरी उम्र 18 वर्ष थी। अब यहां से ये तो पता चल गया कि वन जाते समय श्रीराम 27 और माता सीता 18 वर्ष की थीं फिर अगले श्लोक में माता सीता बताती हैं कि अपने विवाह के बाद मैं अपने पति के साथ 12 वर्ष तक महल में रही और तेरवें वर्ष वन को चल दिए अब हम माता सीता और श्रीराम की वन जाते समय की आयु से 12 वर्ष घटा देते हैं।
जैसा कि हमने आपको श्लोकों से बताया कि वन जाते वक्त श्रीराम की आयु करीब 27 वर्ष की थी और वो विवाह के बाद 12 वर्षों तक अपने पिता के राज्य अयोध्या में रहे । तो 27 वर्ष से 12 वर्ष को घटाने के बाद श्रीराम की आयु विवाह के वक्त 15 वर्ष की साबित होती है।
अब माँ सीता के विवाह के वक्त उम्र की गणना करते हैं । जैसा हमने बताया कि वन जाते वक्त माँ सीता की उम्र 18 वर्ष थी और इसके पहले वो 12 वर्ष तक श्रीराम के साथ अयोध्या में रही थीं। तो 18 वर्ष से 12 वर्ष को घटा दें तो ये निकल कर आता है कि विवाह के समय माता सीता 6 वर्ष की थी।
श्रीराम कथा पर आधारित वाल्मीकिरामायण और रामचरितमानस से कुछ तथ्यों को निकालकर माता सीता और भगवान राम के विवाह के समय की आयु 15 वर्ष श्रीराम और 6 वर्ष माता सीता की है।