Menu

  • Home
  • Trending
  • Recommended
  • Latest

Categories

  • Dharm Gyan
  • Hindu Mythology
  • Myth & Truth
  • Sanatan Ecosystem
  • Sanatan Glory
  • Sanatan Lifestyle
  • Science & Spirituality
  • The Karma English
  • Video
The Karmapath
  • English
No Result
View All Result
The Karmapath
No Result
View All Result
Home Science & Spirituality

मृत्यु से पूर्व मिलते हैं ऐसे संकेत

The Karma by The Karma
March 2, 2025
0 0
0
मृत्यु के संकेत
0
SHARES
219
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

मृत्यु से पूर्व मिलते हैं ऐसे संकेत

लोग कहते हैं कि मौत दबे पांव आती है और किसी की भी जिंदगी ले जाती है। सवाल है कि क्या मौत आने से पहले कोई संकेत या सिग्नल नहीं देती। मौत से पहले उसकी आहट जानने की कोशिश हजारों साल से जारी है। इस पर कई तरह के वैज्ञानिक शोध हो रहे हैं। सनातन हिंदू धर्म के विज्ञान ने भी इस सिग्नल का पता लगाने की कोशिशें हजारों सालों से की है। सनातन हिंदू धर्म के मेडिकल साइंस यानि आयुर्वेद से जुड़ी किताबें इस सिग्नल को पकड़ने का दावा करती हैं।और मृत्यु से पहले के अनुभव बताती हैं।

सुश्रुत संहिता में मृत्यु के संकेत

आयुर्वेद और सर्जरी के महान ग्रंथ सुश्रुत संहिता में मृत्यु की आहट को पकड़ने से संबंधित कई श्लोक दिए गए हैं। सुश्रुत संहिता के अध्याय 30 में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने वाली है या नहीं इसकी पहचान के कुछ श्लोक दिये गए हैं। हम एक-एक कर इन श्लोकों के बारे में आपको बताएंगे। सुश्रुत संहिता में ऐसा पहला श्लोक है-

शरीरशीलयोर्यस्य प्रकृतेविकृतिर्भेवेत ।
तत्वरिष्टं समासेन व्यासतस्तु निबोध मे।।

अर्थात – मनुष्य के शरीर, आचरण और स्वभाव इन तीनों की विकृति का होना अरिष्ट यानि मरने के लक्षण बताता है।

सुश्रुत संहिता मृत्यु की आहट की पहचान बताने वाले श्लोक भी हैं,जो मृत्यु से पहले सभी को संकेत देते हैं। जैसे-

श्रृणोति विविधाञ् शब्दान् यो दिव्यानामभावतः ।
समुद्रपुरमेघानामसम्पत्तौ न निःस्वनान् ।।
तान स्वनान्नावगृह्राति मन्यते चान्यशब्दवत् ।
ग्राम्यारण्यस्वनांश्चापि विपरीताञ् श्रृणोति च ।
द्विषच्छब्देषु रमते सुह्च्छब्देषु कुप्यति ।
न श्रृणोति च योSकस्मातं ब्रवुन्ति गतायुषम्।।

अर्थात- अगर किसी व्यक्ति को जिसके घर के दूर दूर तक समुद्र न हो लेकिन उसे समुद्र की लहरों की आवाजें सुनाई पड़ती हों, बादलों के न होने के बावजूद उसे बादलों के गरजने की आवाजें सुनाई पड़ती हों, या फिर उसे ऐसी आवाजें सुनाई पड़ने लगे जो आस पास कोई बोल ही नहीं रहा हो, जानवरों की आवाजें उसे बदली हुई आवाज में सुनाई पड़ रही हों, जिसे दुश्मनों की बातें अच्छी लग रही हों और उसे दोस्तों की बातों पर गुस्सा आ रहा हो, या अचानक उसे सुनाई देना बंद हो जाए तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु बहुत नजदीक है।

सुश्रुत संहिता के श्लोकों के अनुसार टच फीलिंग में बदलाव भी मृत्यु के आने की सूचना दे सकती है जैसे –

यस्तूष्णमिव गृह्लाति शीतमुष्णं च शीतवत् ।
सञ्ञातशीतपिडको यश्च दाहेन पीडयते ।।
उष्णगात्रोSतिमात्रं च य शीतेन प्रवेपते ।
प्रहारान्नाभिजानाति योSङ्गच्छेदमथापि वा ।
पांशुनेवावकीर्णानि यश्च गात्राणि मन्यते।
वर्णान्यता वा राज्यो वा यस्य गात्रे भवन्ति हि ।।

अर्थात –जब कोई ठंडी चीज को गरम समझ कर उसे ग्रहण कर लेता है। जिसे गर्म वस्तु भी ठंडी लगती है। जिसका शरीर तो गर्म हो लेकिन वो ठंड से कांप रहा हो। इसी प्रकार जिसके शरीर पर किसी वस्तु से मारने से उसे दर्द का अहसास ही नहीं हो रहा हो, जिसे ऐसा लगता हो कि उसके सारे शरीर पर किसी ने धूल छिड़क दी है या फिर जिसके शरीर का रंग अचानक बदलने लगे तो सुश्रुत के अनुसार ये जल्द मृत्यु होने के संकेत हैं।

सुश्रुत संहिता के अध्याय 30 का अगला श्लोक गंध या स्मेल से मृत्यु की पहचान करने की निशानी बताता है–

स्नातानुलिप्तं यं चापि भजन्ते नीलमक्षिकाः ।
सुगन्धिर्वाSति योSकस्मात्तं ब्रुवन्ति गतायुषम्।।

अर्थात – जिस व्यक्ति के शरीर पर स्नान करने के बाद भी नीले रंग की मक्खियां आ कर बैठती हैं या फिर उसके शरीर से अचानक कोई सुगंध आने लगती हो तो यह उस व्यक्ति के जल्द मरने की निशानी हो सकती है।

गंध को लेकर सुश्रुत संहिता में अन्य श्लोक भी मिलते हैं-

सुगन्धं वेत्ति दुर्गन्धं दुर्गन्धस्य सुगन्धिताम् ।
गृह्रिते वाSन्यथा गन्धं शान्ते दीपे च नीरुजः।।
यो वा गन्धं न जानाति गतांसु तं विनिर्दिशेत् ।

अर्थात – रोगी की गंध पहचानने वाली क्षमता में अचानक परिवर्तन आ जाए और उसे अच्छी या सुगंधित चीज से दर्गन्ध आने लगे या फिर कूड़े या किसी दुर्गन्धित चीज से सुगंध आने लगे। और तो और अगर किसी ने कमरे में मोमबत्ती बुझा दी हो और फिर भी मोमबत्ती से उठने वाले धुएँ के गंध का अहसास नहीं हो रहा हो तो यह संकेत है कि स्वस्थ आदमी जल्द बीमार होने वाला है।

आयुर्वेद और सर्जरी के महान ग्रंथ सुश्रुत संहिता का अगला श्लोक ये कहता है –

विपरीतेन गृह्राति रसान यश्चोपयोजितान् ।
उपयुक्ताः क्रमाद्यस्य रसा दोषाभिवृद्धये।।
यस्य दोषाग्निसाम्यं च कुर्युर्मिथ्योपयोजिताः।
यो वा रसान्न संवेत्ति गतांसु तं प्रचक्षते ।।

अर्थात – अगर किसी रोगी को अपने स्वाद में अचानक परिवर्तन नज़र आने लगे और उसे मीठी चीज नमकीन का तीखी लगने लगे या फिर नमकीन चीज मीठी लगने लगे तो वैसे रोगी की मृत्यु का वक्त नज़दीक हो सकता है।

मौत की आहट के ये सारे लक्षण तो सुश्रुत संहिता में बताए ही गए हैं लेकिन अब जो सुश्रुत संहिता से हम आपको बताने जा रहे हैं वो किसी को भी डरा सकता है। मौत के ये लक्षण बड़े ही भयंकर हैं। सुश्रुत संहिता के 30 वें अध्याय में आने वाली मौत को खुली आंखो से भी देखा जा सकता है। सुश्रुत संहिता के ये श्लोक कहते हैं कि–

दिवा ज्योतींषि यश्चापि ज्वलितानीव पश्यति।।
रात्रौ सूर्यं ज्वलन्तं वा दिवा वा चन्द्रवर्चसम् ।
अमेघोपल्ववे यश्च शक्रचापतडद्गुणान ।।
तडित्त्वतोSसितान् यो वा निर्मले गगने घनान्।
विमानयानप्रासादैर्यश्च संकुलमम्बरम ।।
यश्चानिलं मूर्तिमन्तरीक्षं च पश्यति ।
धूमनीहारवासोभिरावृतामिव मेदिनीम् ।।
प्रदिप्तमिव लोकं च यो वा प्लुतमिवाम्भसा ।
भूमिमष्टापदाकारां लेखाभिर्यश्च पश्यति ।।
न पश्यतिंसनक्षत्रां यश्च देवीमरुन्धतीम् ।
ध्रुवामाकाशगंगा वा तं वदन्ति गतायुषाम् ।।

अर्थात – अगर किसी को दिन में जलते हुए तारे दिखने लगे या फिर उसे रात में सूरज चमकता हुआ दिखने लगे जबकि उस वक्त चारो तरफ अंधेरा हो, जब आसमान साफ हो और बारिश या बादलों का नामों निशान न हो तो फिर उस व्यक्ति को इंद्रधनुष दिख रहे हों, बिना बादलों के बिजली चमकती दिखाई देने लगे, आसमान में विमान और रथ दिखने लगे तो ऐसा व्यक्ति जल्द बीमार हो सकता है या फिर बीमार व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा सुश्रुत संहिता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को धरती पर चारो तरफ धुआँ ही धुँआ नज़र आता हो, रात को सात तारों यानि सप्त ऋषियों के साथ वाला तारा जिसे अरुँधति तारा कहते हैं वो नज़र नहीं आता हो या फिर ध्रुव तारा और हमारी आकाशगंगा भी नज़र नहीं आ रही हो तो ऐसा व्यक्ति जल्द बीमार हो सकता है या फिर बीमार व्यक्ति जल्द ही मर सकता है।

अगले श्लोक में कहा गया है कि-

ज्योत्स्नादर्शोष्णतोयेषु छायां यश्च न पश्यति ।
पश्यत्येकाङंग्हीनां वा विकृतां वाSन्यसत्वजाम् ।।
श्वकाककङंक्गृधाणां प्रेतानां यक्षरक्षसाम् ।
पिशाचोरगनागानां भूतानां विकृतामपि ।।
यो वा मयूकण्ठाभं विधूमं वह्निमीक्षते ।
आतुरस्य भवेन्मृत्युः स्वस्थो व्याधिमवाप्नुयात।।

अर्थात- अगर आइने में या फिर पानी में या फिर चांदनी में अपना चेहरा नज़र दिखना बंद हो जाए, या फिर शरीर का कोई अंग नज़र नहीं आए या फिर अपने चेहरे की जगह कौवा, गीध, राक्षस या प्रेत नज़र आने लगे तो ऐसा व्यक्ति अगर स्वस्थ है तो जल्द ही बीमार हो सकता है और अगर गंभीर रूप से बीमार है तो उसकी मृत्यु तक हो सकती है। सश्रुत संहिता के अनुसार बिना धुएँ वाली आग अगर नीले रंग की दिखने लगे तो यह भी एक आने वाले खतरे की निशानी हो सकती है।

आपको बता दें कि मौत से पहले के ये सभी लक्षण सुश्रुत संहिता के अनुसार बताए गए हैं। ये सही या गलत हो सकते हैं। इसे लेकर हम कोई दावा नहीं करते हैं।

author avatar
The Karma
See Full Bio
Tags: मृत्यु के संकेतमौत से पहले के संकेत

Recommended videos

इंडोनेशिया को ब्रह्मा के ज्वालामुखी से बचाने वाले गणेश: एक चमत्कारी सनातन रहस्य

इंडोनेशिया को ब्रह्मा के ज्वालामुखी से बचाने वाले गणेश: एक चमत्कारी सनातन रहस्य

25 VIEWS
September 8, 2025
मोदी की सत्ता अमरता की आयुर्वेदिक औषधि: पुतिन और शी जिनपिंग को मिला प्राचीन ज्ञान

मोदी की सत्ता अमरता की आयुर्वेदिक औषधि: पुतिन और शी जिनपिंग को मिला प्राचीन ज्ञान

9 VIEWS
September 8, 2025
बाबासाहेब अंबेडकर और हिंदू धर्म: एक अनकहा सच

बाबासाहेब अंबेडकर और हिंदू धर्म: एक अनकहा सच

3 VIEWS
September 8, 2025
श्री नारायण गुरु: सनातन धर्म के सुधारक और संरक्षक

श्री नारायण गुरु: सनातन धर्म के सुधारक और संरक्षक

8 VIEWS
September 8, 2025
भारत के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और मोदी की रणनीति

भारत के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और मोदी की रणनीति

11 VIEWS
August 29, 2025
Osho

Osho और America: एक दार्शनिक की अनकही कहानी

61 VIEWS
August 29, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use

Copyright 2024

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • Home
  • Categories
    • Dharm Gyan
    • Hindu Mythology
    • Myth & Truth
    • Sanatan Ecosystem
    • Sanatan Glory
    • Sanatan Lifestyle
    • Science & Spirituality
    • The Karma English
  • Contact Us
  • About Us

Copyright 2024